Gulzar Shayari on Love
ग़ुलज़ार साहब का नाम जब भी आता है, हमारे ज़ेहन में उनकी खूबसूरत शायरी, नज़्में और गाने गूंजने लगते हैं। प्यार, जज़्बात और गहराई से भरी उनकी शायरी हर दिल को छू जाती है। उनके अल्फ़ाज़ किसी महकते गुलाब की तरह होते हैं, जो इश्क़ की ख़ुशबू को और भी गहरा कर देते हैं। अगर आप ग़ुलज़ार की शायरी के दीवाने हैं और अपने प्यार के लिए कुछ खास शब्दों की तलाश में हैं, तो यह लेख आपके लिए ही है।
ग़ुलज़ार की मोहब्बत भरी शायरी ❤️: Gulzar Shayari on Love

तेरी खुशबू में बसी यादें, अब भी साँसों में घुलती हैं,
तेरी बातें, तेरी हँसी, अब भी रातों में चलती हैं।
तू पास नहीं, फिर भी एहसास तेरा है,
दिल के किसी कोने में, अब भी तेरा बसेरा है। ✨💖

बरसात की बूँदों में तेरा नाम लिख दिया,
हवा के हर झोंके में तेरा सलाम लिख दिया।
दिल ने चाहा तुझे हर पल महसूस करूँ,
सो हर धड़कन पर तेरा पैगाम लिख दिया। 🌧️❤️

तेरी आँखों का ये जादू, मुझसे संभाला नहीं जाता,
इन्हें देखूँ जो इक पल, फिर कुछ भुलाया नहीं जाता।
तेरे इश्क़ में डूबा हूँ, डूबता ही चला जाऊँ,
तेरी बाहों की वो गर्मी, अब और सताया नहीं जाता। 🔥💕

कुछ रिश्ते मुकम्मल नहीं होते, फिर भी दिल में रहते हैं,
कुछ आंसू आँखों तक आते हैं, फिर भी होंठों पे ठहरते हैं।
प्यार वो अहसास है, जो हर जन्म निभाया जाता है,
चाहे दुनिया कहे अधूरा, पर दिल में बसा रहता है। 💔😢

दिल खामोश था, पर तुमसे बातें कर बैठा,
आँखें झुकी थीं, पर तेरा दीदार कर बैठा।
तेरी यादों ने इस कदर घेरा मुझे,
की खुद को भी मैं तुझसे प्यार कर बैठा। 🌹💞

तेरे लफ्ज़ों में जो मिठास है,
वो किसी शहद से भी ज्यादा खास है।
तेरी बातों का जो जादू है,
वो मेरे दिल के सबसे पास है। 💫💖

तेरी गलियों में मैं अक्सर घूमता हूँ,
तेरी यादों के हर मोड़ पर रुकता हूँ।
ये इश्क़ भी क्या अजीब चीज़ है,
तू पास न हो फिर भी तुझसे जुड़ता हूँ। 🥀❤️

तेरी यादें मेरे दिल में इस तरह बसी हैं,
जैसे बारिश की बूँदें मिट्टी में रची बसी हैं।
चाहे जितना भी चाहूँ भुलाना तुझे,
तेरी खुशबू हर साँस में बसी हुई है। 🌼🌸

इश्क़ में सब कुछ भुलाना पड़ता है,
कभी खुद को, कभी जमाने को छोड़ना पड़ता है।
पर जब प्यार मुकम्मल होता है,
तो खुदा भी झुककर सलाम करता है। 💞✨

इश्क़ वो नहीं जो लफ्जों से कहा जाए,
इश्क़ वो है जो आँखों से बयां हो जाए।
जिसमें न हो शर्तें, न हो कोई इल्ज़ाम,
बस हर लम्हा खुद को दूसरा खुदा बना दे। 🤍💫
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ग़ुलज़ार साहब की शायरी का जादू
ग़ुलज़ार साहब की शायरी में एक अलहदा जादू होता है, जो हमें इश्क़ के हर रंग से परिचित कराता है। उनकी नज़्में और शेर, मोहब्बत को महज़ एक अहसास नहीं, बल्कि जीने की वजह बना देते हैं। जब भी हम उनकी शायरी पढ़ते हैं, तो हमें ऐसा लगता है मानो हमारी ही दास्तान को अल्फ़ाज़ में ढाल दिया गया हो। यही उनकी शायरी की खूबसूरती है कि हर आशिक़ उसमें खुद को तलाशने लगता है।
निष्कर्ष
ग़ुलज़ार की शायरी सिर्फ़ शब्दों का खेल नहीं, बल्कि दिल से निकली हुई भावनाओं की कहानी है। उनकी शायरी में प्यार महसूस किया जाता है, देखा जाता है, और जिया जाता है। अगर आप भी इश्क़ के रंग में रंगे हुए हैं, तो उनकी शायरी को अपनी मोहब्बत का हिस्सा ज़रूर बनाइए। ❤️💖