
faraz shayari
Faraz Shayari
अहमद फ़राज़ उर्दू शायरी की दुनिया का एक ऐसा नाम हैं, जिन्होंने इश्क़, तन्हाई, दर्द और बगावत को अल्फ़ाज़ में पिरोकर दिलों तक पहुँचा दिया। उनकी शायरी आज भी हर उस दिल की धड़कन है जो मोहब्बत में डूबा हो या ज़िन्दगी से गिला रखता हो। फ़राज़ की शायरी में ना सिर्फ़ एहसास हैं, बल्कि एक बगावती रूह भी है जो सच बोलने से नहीं डरती। इस लेख में हम फ़राज़ की शायरी की ख़ासियतों को समझेंगे और आपको पेश करेंगे उनकी 10 सबसे बेहतरीन शायरी — वो भी हिंदी में।
फ़राज़ की शायरी: मोहब्बत की रवानी
इश्क़ का सच्चा बयान
फ़राज़ की शायरी मोहब्बत को सिर्फ़ हुस्न या चाहत तक सीमित नहीं रखती। उनके अल्फ़ाज़ इश्क़ के हर पहलू को छूते हैं — मिलन हो या जुदाई, उम्मीद हो या बेवफाई।

कौन कहता है कि मौत आई तो मर जाऊँगा,
मैं तो दरिया हूँ, समुंदर में उतर जाऊँगा।
तेरा मिलना नहीं मुमकिन तो ये वादा कर,
तू किसी और से मिलेगा तो बिखर जाऊँगा। 💔
तन्हाई का दर्द
फ़राज़ की शायरी में तन्हाई का रंग भी बेहद गहरा है। उन्होंने अकेलेपन को जिस सलीके से शायरी में ढाला है, वो सीधे दिल को छूता है।

कुछ इस तरह खो गया हूँ तेरी यादों में फ़राज़,
जैसे कोई किताब रह जाए बारिश में भीग कर।
अब हर पन्ने पर तेरी तस्वीर बनती है,
और हर लफ़्ज़ में तेरा नाम होता है। 😔
बेवफाई और ग़म
शायरी में ग़म की मिठास
फ़राज़ की सबसे ख़ास बात यही है कि उनका ग़म भी सुनने वाले को मोह लेता है। बेवफाई की शिकायत भी वो इतनी नज़ाकत से करते हैं कि पढ़ने वाला मुस्कुरा कर उदास हो जाता है।

सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं,
सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं।
सुना है रब्त है उसको ख़राब हालों से,
सो अपने आप को बर्बाद कर के देखते हैं। 💔
बगावत की आग
फ़राज़ सिर्फ़ मोहब्बत के शायर नहीं थे, वो सत्ता और ज़ुल्म के खिलाफ़ भी आवाज़ उठाते थे। उनकी शायरी में बगावत की चिंगारी अक्सर दिखाई देती है।

अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें,
जैसे सूखे हुए फूल किताबों में मिलें।
ढूंढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती,
ये खज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें। 🔥
फ़राज़ की भाषा शैली
सरल लेकिन असरदार शब्द
फ़राज़ की शायरी की सबसे बड़ी ख़ासियत ये है कि उनकी भाषा आम है लेकिन असर गहरा छोड़ती है। उनके अल्फ़ाज़ दिल से निकलते हैं और दिल तक पहुँचते हैं।

तेरा हुस्न क्या बयान करूँ फ़राज़,
तू किताबों की नहीं, ख्वाबों की तरह है।
जिसे छू लिया जाए तो मिट्टी हो जाए,
जिसे महसूस किया जाए तो जान बन जाए। 🌹
रोमांटिक फ़राज़
इश्क़ का मीठा जादू
फ़राज़ की रोमांटिक शायरी दिल की गहराइयों से निकलती है। उसमें चाहत का मीठा सा नशा होता है जो हर आशिक़ को अपनी तरफ खींच लेता है।

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ,
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ।
कुछ तो मेरे पिनदार-ए-मोहब्बत का भरम रख,
तू भी तो कभी मुझको मनाने के लिए आ। 💞
दिल को छू जाने वाली बातें
छोटी बात, बड़ा असर
फ़राज़ की कुछ शायरी ऐसी हैं जिनमें कम अल्फ़ाज़ होते हैं लेकिन उनके मायने बहुत गहरे होते हैं।

वो जो कहते थे तुझ बिन मर जाएंगे,
वो आज भी साँस ले रहे हैं किसी और के साथ।
ज़िन्दगी की यही सच्चाई है फ़राज़,
वक़्त सब कुछ भुला देता है। 😢
उदासी में भी ख़ूबसूरती
ग़म को सजाने का हुनर
फ़राज़ ने ग़म को भी खूबसूरती से सजाया। उनकी शायरी में उदासी भी कविता बनकर दिल को सुकून देती है।

कभी यूं भी तो हो, सब्र का पल खत्म हो जाए,
तेरी आँखें भर आएं और हम से कुछ न कहा जाए।
हम भी बस तेरे हों, तू भी बस हमारा हो,
और ये सारी दुनिया बस एक ख्वाब बन जाए। 💔
फ़राज़ की शायरी आज भी क्यों लोकप्रिय है?
हर दौर के लिए प्रासंगिक
फ़राज़ की शायरी आज भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करती है। उनके अल्फ़ाज़ हर दिल की कहानी कह जाते हैं — इसीलिए उनकी शायरी कभी पुरानी नहीं होती।

तेरा नाम लूँ जुबां से, तेरी आरज़ू हो दिल में,
ये किसी और की नहीं, मेरी अपनी आदत है।
कोई पूछे कौन है वो, क्यों है इतना करीब,
कह दूँ फ़राज़ हूँ मैं, और वो मेरी शायरी है। ❤️
फ़राज़ की शायरी का भविष्य
नई पीढ़ी और फ़राज़
आज की युवा पीढ़ी भी फ़राज़ की शायरी को खूब पसंद करती है। चाहे इंस्टाग्राम पर कैप्शन हो या व्हाट्सएप स्टेटस, फ़राज़ हर जगह मौजूद हैं।

लोग कहते हैं कि अब वो पहले जैसा नहीं रहा,
शायद उसने भी अब दुनिया देख ली है।
जो मुस्कराता था हर दर्द में फ़राज़,
आज खुद को तन्हा देख कर भी चुप है। ✨
Table of Contents
निष्कर्ष
अहमद फ़राज़ की शायरी सिर्फ़ अल्फ़ाज़ नहीं है — वो जज़्बातों की आवाज़ है। उनकी शायरी में मोहब्बत भी है, तन्हाई भी; ग़म भी है और उम्मीद भी। उनका अंदाज़ हर दिल को छू जाता है और उनकी पंक्तियाँ आज भी उतनी ही ताज़ा लगती हैं जितनी पहली बार लिखी गई थीं। फ़राज़ की शायरी आने वाली नस्लों तक ज़िंदा रहेगी, क्योंकि जज़्बात कभी पुराने नहीं होते।