
rahat indori shayari in hindi
Rahat Indori Shayari in Hindi
राहत इंदौरी का नाम सुनते ही शायरी प्रेमियों के दिल में एक अलग ही सुकून उतर आता है। उनके शब्दों में आग भी होती है और मोहब्बत भी, विद्रोह भी होता है और अपनापन भी। राहत इंदौरी साहब ने उर्दू शायरी को जिस ऊँचाई तक पहुँचाया, वह बहुत कम शायर कर पाए हैं। उनकी शायरी में समाज का आईना, राजनीति की सच्चाई और आम इंसान की भावनाएँ झलकती हैं। चाहे इश्क़ की बात हो या बगावत की, राहत इंदौरी के शेर हमेशा सीधा दिल पर वार करते हैं।
अब आइए, राहत इंदौरी साहब की 10 सर्वश्रेष्ठ शायरियों का आनंद लेते हैं, जो उनकी लेखनी की ताकत और गहराई को दर्शाती हैं।
🖋️ राहत इंदौरी की मशहूर शायरी

“अगर खिलाफ हैं होने दो जान थोड़ी है,
ये सब धुआं है कोई आसमान थोड़ी है।
लगेगी आग तो आएंगे घर कई ज़द में,
यहाँ पे सिर्फ हमारा मकान थोड़ी है।” 🔥🏠

“सबके लिए खुला है दरवाज़ा सोच का,
कोई ख़रीदे ज़ेहन तो कोई बदल दे बात।
मैं जानता हूँ दुश्मन भी कम नहीं मेरे,
मगर मेरे अंदाज़ से डरते हैं सब साथ।” 🌪️🧠

“मैं जब मर जाऊँ तो मेरी अलग पहचान लिख देना,
खून से मेरी पेशानी पे हिंदुस्तान लिख देना।
न कोई धर्म, न जात मेरी गिनती में लाना,
मैं सिर्फ इंसान था, ये मेरी जान लिख देना।” 🇮🇳🩸

“अब कोई और करेगा हमारी कीमत तय,
हमने खुद को बेचने की जो बात कर ली है।
हर एक सवाल पर अब खामोशी है मुफ़लिसी,
जिसने भी हमसे पूछ लिया, खुदकुशी कर ली है।” 💸💔

“बुला रहा है कौन मुझे आवाज़ दे रहा है कौन,
ये कौन ख्वाब देख रहा है और सता रहा है कौन।
मैं हूँ ग़ुलाम अपनी ज़ुबान का, साहिब,
मुझे सिखा रहा है वो, जो खुद डरा हुआ है कौन!” 😶🌫️📢

“लफ़्ज़ों का जादूगर था मैं,
हर अल्फ़ाज़ में आग रखता था।
जब भी महफिल में नाम आता था मेरा,
हर दिल में तूफान रखता था।” ✍️🔥
📚 राहत इंदौरी का जीवन और सफ़र
🎓 शुरुआती जीवन
राहत इंदौरी का जन्म 1 जनवरी 1950 को इंदौर, मध्य प्रदेश में हुआ था। उनका असली नाम राहत कुरैशी था। उन्होंने उर्दू साहित्य में पीएच.डी. की डिग्री हासिल की और बाद में एक प्रोफेसर के रूप में कार्य किया।
🎤 मुशायरों की दुनिया में पहचान
राहत साहब की शुरुआत एक शिक्षक के रूप में हुई लेकिन उनकी रचनात्मकता और भाषाई पकड़ ने उन्हें मुशायरों का चमकता सितारा बना दिया। जब वे मंच पर शायरी सुनाते, तो हर शेर पर वाह-वाह की गूंज सुनाई देती थी। उनके शेर सिर्फ सुनने वाले को नहीं, सोचने पर मजबूर कर देते थे।
✍️ उनकी शायरी की विशेषताएँ
- समाज की हकीकत दिखाना
- राजनीतिक व्यंग्य
- मोहब्बत की सच्चाई
- आत्मसम्मान और इंसानियत की बातें
- भाषा की सरलता और भावनाओं की गहराई
🎥 राहत इंदौरी और बॉलीवुड
राहत इंदौरी की शायरी ने न केवल मुशायरों में नाम कमाया, बल्कि बॉलीवुड में भी उनका योगदान सराहनीय रहा है। उन्होंने कई फिल्मों के लिए गाने भी लिखे जैसे:
- मुझे याद सताती है – इस रात की सुबह नहीं
- चोरी-चोरी जब नजरें मिलीं – करीब
- नींद चुराई मेरी – इश्क़
उनकी कलम ने फिल्मी गीतों में भी एक अलग एहसास दिया, जो आज भी लोगों के दिलों में ताज़ा है।
🌟 राहत इंदौरी की शख्सियत
राहत इंदौरी ना केवल एक शायर थे बल्कि वो एक विचारक, शिक्षक और जनता की आवाज़ थे। वे बेबाकी से बात रखने वाले शायर थे जो सत्ता से डरते नहीं थे। उन्होंने अपने जीवन में जितनी मोहब्बत पाई, उतनी ही इज़्ज़त भी अर्जित की।
उनकी यह मशहूर पंक्ति उनके पूरे व्यक्तित्व की पहचान है:
“सरहदों पर तनाव है साहब,
पर ज़रा दिलों की हालत देखो,
कितना सुकून है वहाँ,
जहाँ मोहब्बत पलती है।” 🕊️❤️
🙏 दिवंगत राहत इंदौरी को श्रद्धांजलि
11 अगस्त 2020 को राहत इंदौरी का निधन हो गया, लेकिन उनकी शायरी आज भी ज़िंदा है। उनकी पंक्तियाँ आज भी महफ़िलों में गूँजती हैं, सोशल मीडिया पर वायरल होती हैं, और दिलों में बसी रहती हैं। उन्होंने सिर्फ शेर नहीं कहे, उन्होंने दिल की बात कह दी।
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🎯 निष्कर्ष
राहत इंदौरी साहब की शायरी सिर्फ अल्फ़ाज़ नहीं है, वह एक सोच है, एक दृष्टिकोण है, एक भाव है। उन्होंने उर्दू शायरी को एक नई उड़ान दी और आम आदमी के जज़्बातों को अपने शब्दों में पिरोया। चाहे वह इश्क़ हो या इंकलाब, राहत इंदौरी की शायरी हर दिल की आवाज़ बन चुकी है।
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